मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी का व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन गणेश जी की पूजा करते हैं. इस व्रत में चंद्रमा की पूजा नहीं करते हैं. मार्गशीर्ष की विनायक चतुर्थी दिसंबर की पहली चतुर्थी है. इस बार मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी के दिन रवि योग बन रहा है. इस शुभ योग में ही गणपति बप्पा की पूजा होगी. इस व्रत को करने से संकट दूर होते हैं और काम में सफलता मिलती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के कि मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी कब है? गणेश पूजा मुहूर्त और शुभ योग कौन से हैं?
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी तारीख 2024
पंचांग के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 4 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से शुरु होगी. इस तिथि का समापन 5 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर गुरुवार को रखा जाएगा.
मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
इस साल मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त दिन में 11 बजकर 9 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. उस दिन गणेश जी की पूजा के लिए आपको 1 घंटा 40 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा.
व्रत के दिन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 05 बजकर 11 मिनट से सुबह 06 बजकर 05 मिनट तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है.
3 शुभ योग में मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी व्रत
इस बार मार्गशीर्ष विनायक चतुर्थी 3 शुभ योग में है. उस दिन रवि योग सुबह 7:00 बजे से लेकर शाम 05 बजकर 26 मिनट तक है. पूजा के समय रवि योग रहेगा, इसमें सूर्य देव का प्रभाव अधिक होता है, जिसकी वजह से हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं.
विनायक चतुर्थी को प्रात:काल से वृद्धि योग बन रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. उसके बाद वृद्धि योग बनेगा. व्रत के दिन उत्तराषाढा नक्षत्र सुबह से लेकर शाम 5 बजकर 26 मिनट तक है. उसके बाद श्रवण नक्षत्र है, जो पूरी रात तक है.
विनायक चतुर्थी पर पाताल की भद्रा
विनायक चतुर्थी वाले दिन भद्रा है. भद्रा का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. उस दिन भद्रा का वास पाताल लोक में है.