रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कांग्रेस नेताओं द्वारा धान खरीदी केंद्रों पर औचक निरीक्षण को महज सियासी ड्रामेबाजी बताया है। श्री शर्मा ने कहा है कि इस कथित निरीक्षण के नाम पर प्रदेशभर में सुव्यवस्थित रीति से चल रही धान खरीदी की प्रक्रिया में खलल पैदा करना और धान खरीदी को लेकर झूठे तथ्यों के साथ प्रदेश के किसानों को गुमराह करके उन्हें उकसाना और फिर अव्यवस्था व अराजकता फैलाना ही कांग्रेस नेताओं का एजेंडा है। श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के नेतृत्व में इस वर्ष धान खरीदी तेज रफ्तार से चल रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि दरअसल कांग्रेस को यह हजम ही नहीं हो रहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार बिना किसी अवरोध और अप्रिय प्रसंग के सुव्यवस्थित रीति से प्रदेश के किसानों का प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है और समर्थन मूल्य तथा अंतर की राशि का एकमुश्त भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर कर रही है। श्री शर्मा ने कहा कि बारदाना और टोकन को लेकर कांग्रेस ने लगातार झूठ फैलाकर किसानों को उकसाने की नाकाम कोशिशें करके मुँह की खाई है। आज प्रदेश की भाजपा सरकार ने बारदाना संकट का सौहार्द्रपूर्ण समाधान किया है, जबकि कांग्रेस की भूपेश सरकार हर साल बारदाना के नाम पर केंद्र सरकार पर ही ठीकरा फोड़ने में लगी रहती थी। इसी प्रकार तुहँर हाथ तुहँर टोकन एप के जरिए किसानों को स्वतंत्रता दी गई है कि वह स्वयं अपना टोकन स्वयं काट सकें और इस ऐप के माध्यम से किसानों ने लगभग 45 हजार टोकन स्वयं काट लिए हैं। आगे की धान खरीदी के लिए लगभग एक लाख से ज्यादा टोकन जारी किए गए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि आज प्रदेश की भाजपा सरकार पर किसानों का पूरा धान नहीं खरीदने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस के दरअसल अपना गिरेबाँ झाँक लेना चाहिए जब उसके शासनकाल में किसानों का धान खरीदने से बचने के लिए गिरदावरी आदि तमाम छल-प्रपंचों का सहारा भूपेश सरकार लेती थी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि पिछले साल के 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के विरुद्ध इस वर्ष प्रदेश की भाजपा सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले साल से 30 लाख टन अधिक है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 27.60 लाख (पिछले साल की तुलना में डेढ़ लाख से अधिक) किसानों ने अपना पंजीयन कराया है और रकबा के हिसाब से पिछले साल की तुलना में इस वर्ष किसानों ने लगभग 3.80 लाख एकड़ अधिक भूमि का पंजीयन कराया है। 14 नवंबर से अब तक 26.04 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। वहीं, 5.49 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 5,994 करोड़ 82 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। श्री शर्मा ने कहा कि जिस तेज रफ्तार और प्रणाली से धान खरीदी की प्रक्रिया प्रदेश में चल रही है, उससे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि निर्धारित अवधि तक प्रदेश सरकार धान खरीदी का अपना लक्ष्य अर्जित करेगी। धान खरीदी में कहीं पर भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना किसानों को नहीं करना पड़ रहा है। प्रदेश के किसान साय-सरकार द्वारा बनाई गई व्यवस्था को भूरि-भूरि प्रशंसा कर धन्यवाद कर रहे हैं कि उन्होंने जो वादा किया था, उसको निभाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा और किसान भाजपा सरकार के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं।