मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया ने पीएम मोदी से मांग की है। गठबंधन दलों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करें। मणिपुर के लोगों से उनके जुड़ाव के चलते राज्य में शांति और सामान्य स्थिति कायम हो सकती है। विपक्षी गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के नेताओं ने दावा किया कि उन्हें जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति दी गई।
मणिपुर कांग्रेस प्रमुख मेघचंद्र ने कहा कि हम जंतर-मंतर पर धरना देने वाले थे, लेकिन अधिकारियों ने हमारे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। हमारे साथ लगभग 10 राजनीतिक दल हैं। हमें विरोध करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। इसके बाद भी हम रुकेंगे नहीं और हमारा विरोध जारी रहेगा। हमने पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपा है।
उन्होंने कहा कि मणिपुर भारत का हिस्सा है। पिछले 18 महीनों में केंद्र सरकार ने इतनी लापरवाही क्यों बरती है? 60 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं और सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हमें और कितनी तकलीफ सहनी होगी? मणिपुर के लोग प्रधानमंत्री से राज्य में शांति बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि मणिपुर राज्य सरकार पर केंद्र का नियंत्रण है और मुख्यमंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि यहां अघोषित राष्ट्रपति शासन लगा है। गृह मंत्री सीधे राज्य में स्थिति को नियंत्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने तो मणिपुर की स्थिति पर बात की है और न ही राज्य का दौरा किया है। इसके अलावा उन्होंने प्रतिनिधियों को भी चर्चा के लिए आमंत्रित नहीं किया है।
पीएम को लिखे पत्र में विपक्षी गठबंधन इंडिया ने उनसे मणिपुर का दौरा करने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि मणिपुर के लोग तीन मई 2023 से अपनी आवाज आपके समक्ष रखने के लिए राज्य में आपकी उपस्थिति का इंतजार कर रहे हैं। इस उथल पुथल ने पूरे राज्य को तबाह कर दिया है। पूरे राज्य में अराजकता का माहौल है। पीएम साल समाप्त होने से पहले मणिपुर का दौरा करें। यदि आपके पास 2024 समाप्त होने से पहले मणिपुर का दौरा करने का समय नहीं है, तो आपसे अनुरोध है कि आप मणिपुर के सभी राजनीतिक दलों को अपने कार्यालय या आधिकारिक आवास पर आमंत्रित करें। आपकी सक्रिय भागीदारी ही मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति ला सकती है।
मणिपुर के राजनीतिक दलों के संयोजक क्षेत्रीमयुम शांता ने कहा कि वे शांति और सामान्य स्थिति की बहाली की मांग के लिए 3,000 किलोमीटर दूर मणिपुर से नई दिल्ली आए हैं, लेकिन उन्हें धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई। हम केंद्र सरकार के रवैये की निंदा करते हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार के कुप्रशासन के कारण ही हम इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। हमें सरकार ने बांट दिया है। हम चाहते हैं कि यह खत्म हो और हम फिर से एकजुट हों। हम मणिपुर की एकता और अखंडता के लिए खड़े हैं।