भोपाल। अगले वर्ष होने वाले दिल्ली विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस की कमान मध्य प्रदेश के नेता संभालेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने टिकट वितरण से लेकर चुनाव की कार्ययोजना बनाने का दायित्व पार्टी ने प्रदेश के नेताओं को दिया है। टिकट के लिए नाम प्रस्तावित करने गठित स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन को बनाया है तो वार रूम की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह को दी गई है। अभी हाल ही में हुए महाराष्ट्र, झारखंड और उसके पहले जम्मू कश्मीर व हरियाणा विधानसभा के चुनाव में मध्य प्रदेश के नेताओं को भेजा गया था। यहां प्रदेश के नेता सहयोगी की भूमिका में थे लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश के नेताओं के ही हाथ में रहेगी। इसमें सबसे महत्वपूर्ण काम टिकट के लिए संभावित दावेदारों का गुण-दोष के आधार पर आकलन करके नाम प्रस्तावित करना है। यह दायित्व पूर्व सांसद और संगठन में विभिन्न पदों पर काम कर चुकीं मीनाक्षी नटराजन को दिया गया है। उन्हें गांधी परिवार का भरोसेमंद माना जाता है। भारत जोड़ो यात्रा में वे पूरे राहुल गांधी के साथ रहीं। पार्टी ने उन्हें तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए पर्यवेक्षक बनाकर भी भेजा था। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राजनीतिक मामलों की समिति और कार्यकारी समिति की सदस्य हैं। निर्विवादित होने के कारण संगठन ने उन्हें प्रत्याशी चयन का काम दिया है।
वार रूम का चेयरमैन प्रियव्रत सिंह
वहीं, कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे प्रियव्रत सिंह को वार रूम का चेयरमैन बनाया गया है। उन्हें चुनाव लडऩे और लड़वाने दोनों का पर्याप्त अनुभव है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारी से लेकर प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी ने उन्हें अलग-अलग राज्यों के चुनावों में विभिन्न जिम्मेदारी दे चुकी है। चुनाव की रणनीति बनाने के साथ उसके अमल की पूरी जवाबदारी प्रियव्रत की होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा का कहना है कि पार्टी युवा नेतृत्व को आगे करने की दिशा में काम कर रही है। यही कारण है कि प्रदेश के दो युवा नेताओं को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई हैं। दोनों को ही संगठन और चुनाव से जुड़े कामों का पर्याप्त अनुभव है। इसका लाभ चुनाव में मिलेगा। प्रदेश के युवा नेताओं पर संगठन को भरोसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को गुजरात, उमंग सिंघार को झारखंड और कुणाल चौधरी को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग दायित्व देकर भेजा जा चुका है।