Farmer Protest: कांग्रेस ने MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों के आंदोलन को दमनकारी तरीके से दबाने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अपना हठी रवैया छोड़कर किसानों के साथ सौहादपूर्ण ढंग से बातचीत कर वायदे के मुताबिक फसलों की MSP की कानूनी गारंटी समेत सभी मांगें स्वीकार करने का संसद में एलान करे।
पार्टी ने कहा है कि कीलें, नश्तर लगा तथा दीवारें खड़ी कर किसानों को न्याय की गुहार लगाने के लिए दिल्ली आने से रोकना अलोकतांत्रिक और दमनकारी है। साथ ही किसानों के हित में कदम उठाए जाने संबंधी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के राज्यसभा में दिए बयान को झूठा का पुलिंदा बताते हुए आरोप लगाया है कि फसलों की खरीदी का न पर्याप्त इंतजाम है और न ही उचित दाम की गारंटी।
किसानों की जायज मांगों को दबा रही है सरकार
किसानों के दिल्ली कूच से गरमाई सियासत के बीच कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉंफ्रेंस करते हुए कहा कि कांग्रेस और देश जायज मांगों को लेकर किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत कूच के लिए बढ़ रहे निहत्थे किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े हैं जिसमें सात किसान घायल हुए हैं। सैकड़ों किसानों ने पैदल अंबाला की तरफ बढ़ते हुए दो बैरिकेड पार कर लिए मगर हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री बैरिकेड पर उन्हें रोक लिया गया है और पुलिस की ताकत के दम पर दबाया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर दमन हो रहा तो दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान संसद में झूठ बोलते हैं कि हम उचित दाम पर पर्याप्त फसल खरीद रहे हैं। मगर गेहूं, जौ, सरसों, चना, मसूर आदि फसलों की उत्पादन की तुलना में कम खरीदी के तथ्य इस झूठ को उजागर कर रहे हैं।
सुरजेवाला का दावा
सुरजेवाला ने कहा कि मंत्री का दूसरा झूठ यह है कि किसानों को लागत का 50 प्रतिशत दिया जा रहा मगर सच्चाई यह कि केंद्र की भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 6 फरवरी 2015 को शपथ पत्र में कहा कि लागत का 50 से ऊपर समर्थन मूल्य नहीं दिया जा सकता, नहीं तो बाजार खराब हो जायेगा। तीसरा झूठ यह है कि चौहान ने कहा कि किसान को लागत से 100 से 200 प्रतिशत अधिक MSP दी जा रही है पर हकीकत में उसे फसल की लागत भी नहीं दी जा रही और खुद भाजपा-शासित राज्यों ने सीएसीपी ने ऐसा कहा है।
महाराष्ट्र, गुजरात, झारखंड जैसे राज्यों ने गेहूं तथा चना जैसे फसलों का अधिक समर्थन मूल्य देने की मांग को केंद्र ने खारिज कर दिया है। मोदी सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए फसलों के समर्थन मूल्य की जो घोषणा की है उसमें पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि केवल 2.4 से 7 प्रतिशत तक ही की गई है।
सुरजेवाला ने कहा कि वक्त आ गया है कि किसानों से छल करने की बजाय पीएम मोदी खुद उन्हें बुलाकर MSP की कानूनी गारंटी का कानून संसद के इसी सत्र में पारित करने की घोषणा करें क्योंकि सबकुछ इंतजार कर सकता है खेती नहीं।