सामुद्रिक शास्त्र में हथेली पर तिलों का बहुत महत्व है. तिल किस हिस्से पर है, उसका आकार, रंग और उसकी संख्या से व्यक्ति के भविष्य और जीवन की घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इससे व्यक्ति के कुंडली के माध्यम से उसके भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है. आइए जानते हैं हथेली में शुभ और अशुभ तिलों के बारे में…
ज्योतिष गौरव दीक्षित के मुताबिक, दाहिने हथेली के ऊपरी भाग पर तिल होने का संकेत है कि व्यक्ति धनवान होता है. अगर बायीं हथेली के ऊपरी भाग पर तिल है तो व्यक्ति के हाथ में पैसा नहीं टिकेगा. ऐसे व्यक्ति के लिए धन जोड़ने में कठिनाई होती है.
हथेली के सेंटर में तिल
यह व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सुख-शांति और सफलता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा ऐसा व्यक्ति को एक अच्छा जीवनसाथी, परिवार में प्रेम और सामाजिक प्रतिष्ठा देने वाला होता है. कभी-कभी यह तिल कठिनाइयां और संघर्षों को भी दर्शाता है, लेकिन अगर यह अत्यधिक न हो तो इसे शुभ ही माना जाता है.
हथेली के ऊपरी हिस्से में तिल
यह तिल आत्मविश्वास, साहस और सफलता का प्रतीक होता है. ऐसे व्यक्ति अपने जीवन में उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं और उनका सामाजिक रुतबा अच्छा हो सकता है. अगर यह तिल बहुत बड़ा हो या डार्क हो तो यह किसी शारीरिक या मानसिक कठिनाई का संकेत हो सकता है.
हथेली के निचले हिस्से में, छोटी अंगुली के पास
यह तिल व्यक्ति को बुद्धिमान, बातों के सही विश्लेषक और अच्छे संचारक बनाता है. ऐसे व्यक्ति अच्छे वक्ता और लेखक हो सकते हैं. अगर तिल बहुत बड़े आकार का हो या हल्के रंग का हो, तो यह संकेत हो सकता है कि व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो.
हथेली के निचले हिस्से में, अंगूठे के पास
यहां पर तिल होने से व्यक्ति को प्रेम और सुखद वैवाहिक जीवन का अनुभव होता है. यह व्यक्ति को खुला दिमाग और प्रेम संबंधों में सफलता दिलाने वाला माना जाता है. अगर यह तिल बहुत गहरे रंग का हो, तो यह प्रेम या परिवार में तनाव की ओर इशारा कर सकता है.