कोरबा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष रफीक अहमद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित कर गौवंश की सुरक्षा, संरक्षण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की मांग करी है। जिलाध्यक्ष ने कहा है कि शासन की योजना के अनुसार गौवंश की खरीदी, बिक्री, परिवहन, हत्या पर पूर्णत: प्रतिबंध किया गया है, जो कि आस्थानुसार एकदम सही कदम है, लेकिन गरीब किसान जिनका आजीविका गौवंश पर आधारित है। उनको अपनी आजीविका जो कि अपने पाले हुए गौ की बिक्री कर अपने बच्चों का निवाला, कपड़ा, दवा एवं अन्य जरूरत के कार्यों के लिए रूपयों की पूर्ति होती थी। वह पूरी तरह से बंद हो गई है। इधर गौवंश की जनसंख्या वृद्धि के कारण किसानों का खेती, बाड़ी तिल्हन और दलहन की फसल को चट कर रही है जो कि किसानों को आर्थिक हानि पहुंच रहा है। जिससे गरीब और गरीब होता जा रहा है।
सरकार के द्वारा गौवंश के संरक्षण की सभी योजनाएं फेल हो गई हैं। इस बात का सबूत है कि गौवंश गोठान की तरह सडक़ों, मुहल्लों में इकट्ठा मिलते हैं। जिससे प्रतिदिन दुर्घटना से इंसानों एवं गौवंश की मृत्यु हो रही है। गौवंश के भारी तादाद लावारिस हो जाने के कारण किसानों की जिन्दगी मुश्किलों की जिन्दगी में बदल गयी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मांग है कि प्रति गौवंश 50000 रूपये एवं रख-रखाव संरक्षण के लिए प्रति गौवंश 10,000 प्रति वर्ष किसानों को प्रदान किया जाए, जिससे किसानों को गौवंश के प्रति आदर और सम्मान हो सके।
गौ-संरक्षण को लेकर गोंगपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से करी मांग
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