भोपाल: सीमाओं को फिर से परिभाषित करने वाला एक नाटकीय असाधारण थिएटर फेस्टीवल का कार्यक्रम नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में 28 जनवरी 2025 की दोपहर 3.00 बजे शुरू हो चुका है। भारत का यह सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय थिएटर फेस्टीवल है, जो 16 फरवरी की रात 10.00 बजे तक पूरे भारत के साथ-साथ नेपाल और श्रीलंका के रंगमंच को आलोकित करने वाला है। आलोकन का यह उपक्रम होगा 'भारत रंग महोत्सव' के अंतर्गत होगा। 'एक रंग श्रेष्ठ रंग' ये टैग लाइन है नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली के इस प्रतिष्ठा आयोजन की। रंगकर्म की यह खुशनुमा आहट भोपाल में भी सुनाई दे रही है, जो बुधवार 5 फरवरी 2025 को यानि आज की शाम भारत भवन, भोपाल के अंतरंग सभागार में फलिभूत होगी रंगकर्म की यह खनक अगले पांच दिन यहां गूंजने वाली है।
भारत भवन में आयोजित प्रोग्राम
भारंगम के तहत भोपाल में इसकी पहली प्रस्तुति भारत भवन में होगी। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के प्रतिष्ठा आयोजन भारत रंग महोत्सव को रंगकर्मी भारंगम कहकर ही बुलाते हैं। भारंगम का यह रंगमंचीय सिलसिला भारत भवन में पूरे पांच दिन यानि 9 फरवरी तक चलने वाला है। लंबे अरसे से कलाकारों की बाट जोह रहा भारत भवन का अंतरंग सभागार विविध भाषायी इन रंग प्रस्तुतियों के स्वागत को लेकर बेताबी से आतुर है। शहर के रंगकर्मी भी अरसे बाद अंतरंग को आबाद होते देख आह्लादित हैं।
6.00 बजे ओपनिंग सेरेमनी के बाद 05 फरवरी को अग्निसुता द्रौपदी का मंचन होगा. रंगसंस्था ताम, इंफाल मणिपुर के बैनर तले होने वाली इस प्रस्तुति का निर्देशन मैसनाम जॉय मैती ने किया है लेखक मोहन जोशी हैं। डेढ़ घंटे की यह प्रस्तुति हिंदी में है। भोपाल में हिंदी के अलावा बंगला, सिंहली और जर्मन भाषा में भी नाटक खेले जाने वाले हैं। दूसरे दिन श्रीलंका के थिएटर ग्रूप रेड विंग के कलाकार सिंहला भाषा में बुद्धिका दमयंथा के निर्देशन में एथोल फुगाड का लिखा नाटक प्रस्तुत करेंगे। तीसरे दिन 7 फरवरी को हबीब तनवीर का लिखा और बंगला में अनुदित नाटक चरणदास का मंचन होगा। निर्देशक हैं बिदिशा चटर्जी. प्रस्तुति दम दम बिसवानपम कोलकाता की है। 8 तारीख को जर्मन भाषा की बारी है। अंतिम दिन 9 फरवरी को हिंदी नाटक 'बेटियां मन्नु की' का मंचन होगा. जिसे हंसाक्षर ग्रुप दिल्ली के कलाकार देवेन्द्र राज अंकुर के निेर्देशन में प्रस्तुत करेंगे।
60 साल पूरे करने वाला एक आइकॉनिक फेस्टीवल
ये तो हुई बात भोपाल में होने वाली प्रस्तुतियों की, अब कुछ गुफ्तगु देश विदेश में चर्चित एनएसडी के इस प्रतिष्ठा आयोजन भारत रंग महोत्सव की भी हो जाए. अपनी 65वीं वर्षगांठ मना रहा एनएसडी और 60 साल पूरे करने वाली इसकी रेपेटरी का यह आइकॉनिक प्ले फेस्टीवल है, जो इस आयोजन के साथ अपनी 24वीं सालगिरह मनाने के लिए देश-विदेश की यात्रा पर निकला हुआ है। अपने रंगकर्म का झोला लेकर यह देशाटन पर इस उद्देश्य से निकला है ताकि अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज करा सके, एक ऐसे फेस्टीवल के रूप में जो दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला ड्रामा फेस्टीवल है. इसकी दिलचस्प रंगयात्रा के पड़ाव में भारत के अलावा श्रीलंका और नेपाल में भी पड़ने वाले हैं।
देश-विदेश से आए रंगप्रेमी होंगे शामिल
देश विदेश के रंगप्रेमी इन विविध प्रदर्शनों की इस बेला में 200 से ज्यादा यूनिक प्रोडक्शन से दो चार होने वाले हैं. जर्मन, इटालियन, नेपाली और सिंहली जैसी विदेशी भाषाओ के अलावा लगभग सभी देशी भाषाओं की खनक भी थिएटर्स में सुनाई देने वाली है. जिनमें शामिल हैं – हिंदी, तमिल, कन्नड, बंगाली, असमी, उडि़या, छत्ती सगढ़ी, मैतई, मणिपुरी और हिंदुस्तानी शामिल है, इंग्लिश भी है. इनमें 12 प्ले विदेशी भाषा में हैं और 30 हिंदी में।
जिन शहरों में प्रदर्शन प्रस्तावित हैं उनमें शामिल है – अगरतला, अहमदाबाद, भाटिंडा, बैंगलुरू, भोपाल, दिल्ली, गोआ, गोरखपुर, जयपुर, खैरागढ़, रांची, कोलंबो (श्रीलंका) और काठमांडु (नेपाल). दिल्ली में सर्वाधिक प्रदर्शन हैं जो कमानी ऑडीटोरियम, श्रीराम सेंटर और थिएटर में रंगकर्म की बात जब भी होगी रंगकर्मी और जाने माने अभिनेता श्रीराम लागू का जि़क्र ज़रूर होगा. भारंगम इससे जुदा कैसे हो सकता है सो इस आयोजन के दौरान 3 फरवरी को दिल्ली में श्रीराम लागू की ऑटो बॉयोग्राफी की हिंदी बुक लांच की गई. चलते-चलते उन्हें रंगदूत नाम दिया गया है. तो भोपालवासियों मिलते हैं आज की शाम भारत भवन के अंतरंग सभागार में।