नई दिल्ली । हिमालय पर्वतमाला के गंगा और सिंधु नदी बेसिन इलाकों में बर्फ का स्तर (स्नोकवर) छह सालों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही गंगा नदी बेसिन में भी स्नोकवर पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी तक कम है। इसरो के आंकड़ों के मुताबिक सिंधु नदी बेसिन में भी स्नोकवर 10 से 20 फीसदी तक कम है। यह स्थिति इस वर्ष दिसंबर महीने में अच्छी सर्दी की संभावना को कम कर रही है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक सर्दी के मौसम में बर्फ का स्तर घटता-बढ़ता रहता है क्यूंकि हर हफ्ते बर्फबारी के एक-दो दौर आते हैं। लेकिन इस बार मानसून खत्म होने के बाद आए सभी पश्चिमी विक्षोभ कमजोर थे या हिमालय के उत्तर की तरफ से निकल गए। इसके चलते बर्फबारी कम हुई। जिस वजह से दो महीनों में बर्फ का स्तर जितना बढ़ना चाहिए था, वह नहीं बढ़ा। हिमालय से आने वाली उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से ही उत्तर से मध्य भारत के मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ती है। सीजन में जितने अधिक सक्रिय और लंबे पश्चिमी विक्षोभ आते हैं, उतनी अधिक सर्दी पड़ती है। इस बार उत्तर से मध्य भारत तक सभी राज्यों में औसत तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। स्काईमेट के एक वैज्ञानिक ने बताया कि आईएमडी समेत कई मौसमी मॉडल्स ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। इसका मतलब है कि पश्चिमी विक्षोभ कम आएंगे और कम ही सक्रिय रहेंगे। संभावना है कि दिसंबर के आखिरी हफ्ते में अच्छी सर्दी महसूस हो। हिमालय पर्वतमाला के बर्फ का स्तर निचले स्तर पर है और इसकी वजह से दिसंबर में अच्छी सर्दी की संभावना कम है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान दिसंबर महीने में सामान्य से अधिक रह सकता है।
हिमालय पर्वतमाला में बर्फ का स्तर छह साल के सबसे निचले स्तर पर
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