हर महीने में दो पक्ष होते हैं, एक कृष्ण पक्ष और दूसरा दूसरा शुक्ल पक्ष. इसी तरह हर पक्ष में त्रयोदशी तिथि भी होती है, जो भगवान शिव को समर्पित मानी जाती है. इस तिथि पर ही प्रदोष व्रत रहा जाता है. मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होती है. इसी कड़ी में 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत बेहद खास होने जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दिन कुछ उपाय करने से आने वाले साल में भगवान शिव की कृपा जातक पर बनी रहेगी.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि साल 2024 का अंतिम प्रदोष व्रत 28 दिसंबर दिन शनिवार को पड़ेगा. शनिवार को प्रदोष व्रत होने से इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा. यदि जातक चाहते हैं कि आने वाला नया साल यानी 2025 उनका बढ़िया रहे और भगवान शिव की कृपा जातक पर बनी रहे, आर्थिक उन्नति हो या समस्याओं से छुटकारा मिले तो 2024 के अंतिम प्रदोष व्रत के दिन विशेष उपाय जरूर कर लें. इससे बड़ी राहत मिलेगी.
अंतिम प्रदोष पर करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि साल 2024 के अंतिम प्रदोष व्रत शनिवार 28 दिसंबर को पड़ रहा है. यह अत्यंत मंगलकारी माना जाता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए. इस दिन तांबे के पात्र से भगवान शिव के ऊपर जलाभिषेक करें. ध्यान रहे जल में तिल अवश्य मिला लें. साथ ही राम नाम लिखा बेलपत्र अर्पण करें. इससे भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. प्रदोष के दिन पंचोपचार विधि से पूजा करनी चाहिए. ऐसा करते हैं तो आने वाला नया साल यानी 2025 बेहद शानदार रहेगा. भगवान भोलेनाथ की कृपा से घर में धन-धान्य की वृद्धि होगी. व्यापार में लाभ होगा. सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी.
कब से शुरू हो रही प्रदोष तिथि
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, साल के अंतिम प्रदोष व्रत की शुरुआत 28 दिसंबर रात 2 बजकर 43 मिनट मे शुरू हो रही है और समापन अगले दिन यानी 29 दिसंबर की रात 03 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है. क्योंकि प्रदोष काल 28 दिसंबर की शाम को रहने वाला है, इसलिए 28 दिसंबर को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा.